आज का दौर परिवर्तन का दौर हैं आज हर कोई खुद को ऊंचे मुकाम पर देखना चाहता है आज हर कोई ज्यादा पैसे कमाने के लिए ज्यादा मेहनत करता है।आज हर तरफ भारत की प्रसन्नता हो रही है चाहे वह देश हो या विदेश हो हर जगह भारत अपनी नई उन्नति की गाथाएँ लिख रहा है।21वीं सदी में भारत की बढती हुई विदेशो में प्रशंसा हमे अपने देश में गौरव प्राप्त करती है।आज भारत दुनिया से कदम मिलाकर चल रहा है।
लेकिन हम अपने ही समाज के मध्यम वर्ग और गरीबों के बारे में सोचते हैं।उनकी समस्याएं और उनकी बढ़ती हुई परेशानियाँ को लेकर हम चिंतित हैं।आज के दौर में मध्यम वर्ग और गरीबों के लिए बढती महंगाई उनके लिए बहुत सारी समस्याएं उत्पन्न कर रही है।आज का समाज दो भाग में चुका है जैसा कि हम जानते हैं अमीर और अमीर होता जा रहा है लेकिन जो गरीबी रेखा में जी रहे हैं उनके लिए बढ़ती महँगाई उनकी नई समस्याएँ उत्पन्न कर रही हैं
आज की बढती महँगाई समस्या नहीं है लेकिन आम आदमी की आय नहीं बढ़ रही है जितनी महँगाई बढ़ रही है।आज हर तरफ महँगाई का दौर चल रहा है आप जहाँ भी देखेंगे आपको हर तरफ महँगाई से परेशान हुए नज़र आएँगे।चाहे वह स्कूल हो या अस्पताल या बढ़ती हुई राशन की सामग्री के दाम। में इंसान जितना काम नहीं कर रहा है उससे ज्यादा उसकी जरूरतें बढ़ाने लगी है और महंगाई की वजह से वह अपनी जरूरत को पूरा करने में नाकाम हो जाते हैं।अपने बच्चों को अच्छी पढ़ाई, अच्छी सेहत, अच्छी जरूरत है कि समान देने में भी असमर्थ हो जाते हैं।इसके साथ-साथ बढ़ते हैं बेरोजगार मध्यम वर्ग और गरीबों के लिए एक परेशानी खड़ी कर रही है। गरीब इंसान अब महँगाई से तंग आकर अपने आप को जैसा तैसा पहनवा खाना पीना के साथ जीने को मजबूर हो गया है।
भारत सरकार को महँगाई रोकने के लिए कै कदम उठाना चाहिए जैसा कि हम जानते हैं गरीब इंसान के लिए अब अपने बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ाना मुश्किल हो गया है।अब आप अगर अपना मोहल्ला क्लिनिक या नर्सिंग होम जाते हैं तो अपने स्वास्थ्य के लिए वहां भी कई समय-उत्पन्न होती है डॉक्टर की फीस, के समय में जांच वैगैरा करने में भी बहुत पैसा लग जाता है।आप अब अगर दवा भी खरीद लेते हैं तो वहां भी आपको महंगाई मिलेगी।आज आप किराना स्टोर पर जाते हैं तो वहां भी बहुत सी चीजें आपकी जरूरत के लिए होती हैं लेकिन आप उन्हें खरीदने में असमर्थ साबित होते हैं।जो आपको बेहद जरूरी लगता है वही आप घर लेकर आना चाहते हैं।चाहे वह तेल हो चावल हो आता हो या दाल हो हर चीज के दम आसमान पर है।भारत सरकार को चाहिए कि बढ़ती हुई महंगाई को रोकें और मध्यम वर्ग गरीबों के लिए कुछ नई योजना लेकर आएं, उन्हें समान इंसान के जीने की राह पर आएं।क्योंकि जैसा हम देखते हैं आजकल किसान आत्महत्या करने को मजबूर है।अगर महँगाई भी इसी तरह रहती है हम इंसान भी आत्महत्या करने को एक दिन मजबूर हो जाएगा



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